(78)
ग्रॉस नेशनल प्रॉडक्ट अर्थात् जीएनपी में से घिसावट को घटाने के पश्चात् जो आय शेष रह जाती है, उसे ही किसी देश की अर्थव्यवस्था का शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद अर्थात् एनएनपी कहा जाता है।
(75)
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का सकल राष्ट्रीय उत्पाद या जीएनपी उसके जीडीपी में विदेशों से होने वाली आय को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।
(73)
अमेरिका के अर्थशास्त्री साइमन कुज्नेट्स के सकल घरेलू उत्पाद की अवधारणा प्रस्तुत की थी।
(63)
NDP अर्थात् शुद्ध घरेलू उत्पाद को किसी देश की अर्थव्यवस्था के जीडीपी में से एक वर्ष के दौरान होने वाली घिसावट को घटाकर या कम करके प्राप्त किया जाता है।
(60)
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के अंतर्गत एक वर्ष में उत्पादित होने वाली सभी वस्तुओं तथा सेवाओं का अंतिम मौद्रिक मूल्य, सकल घरेलू उत्पाद या GDP कहलाता है।
(56)
इस सहमति को भी वॉशिंगटन सहमति के एक विकल्प के रूप में देखा जाता है। इसका प्रस्ताव सैंटियागो शहर में विश्व बैंक समूह के वर्तमान अध्यक्ष 'जेम्स वोल्फेन्सोन' ने दिया था।
(53)
सन् 1980 के दशक के मध्य के बाद चीन के आर्थिक उदय को विश्व में आज किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है।
(52)
आर्थिक सुधार सलाह को विश्व के विकासशील देशों को आर्थिक संकट के समाधान हेतु विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और अमेरिकी ट्रेजरी विभाग या वित्त मंत्रालय ने सुझाया था।
(50)
बाजार अर्थव्यवस्था- यह अर्थव्यवस्था परंपरागत आर्थिक व्यवस्था से उद्भूत हुई है। इसे प्रथम औपचारिक आर्थिक प्रणाली माना जाता है।
(46)
अर्थशास्त्र का क्रियाशील स्वरूप को 'अर्थव्यवस्था' कहते हैं। इसे आर्थिक गतिविधियों का एक रुका हुआ चित्र भी कहा जा सकता है।
(43)
व्यष्टि और समष्टि- 1930 के दशक में महान मंदी के पश्चात् अर्थशास्त्र दो वृहद् शाखाओं में विभाजित हो गया- 1. व्यष्टि-अर्थशास्त्र 2. समष्टि-अर्थशास्त्र
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भारत का केंद्रीय बैंक 'भारतीय रिजर्व बैंक' के नाम से जाना जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रा बाजार के संगठित क्षेत्र की शीर्ष संस्था है।
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