(511) 4627
स्तूपों का बौद्ध धर्म में विशेष महत्व है।
(510) 1538
महात्मा बुद्ध (गौतम बुद्ध) बौद्ध धर्म के संस्थापक थे।
(504) 794
सल्लेखना जैन दर्शन से सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण शब्द है।
(501) 1217
जैन अनुश्रुतियों एवं परम्पराओं के अनुसार जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए।
(499) 920
प्राचीन काल में छठी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान भारत में नवीन धर्मों की उत्पत्ति हुई।
(497) 801
सिकन्दर ने सर्वप्रथम 326 ईसा पूर्व को भारत पर आक्रमण किया था।
(496) 1036
साइरस द्वितीय ने छठी शताब्दी ईसा पूर्व के मध्य में ईरान में हखामनी साम्राज्य की स्थापना की थी।
(495) 1261
भारत पर सर्वप्रथम विदेशी आक्रमण ईरान देश के हखामनी वंश के राजाओं ने किया था।
(493) 697
इस लेख में मगध के शिशुनाग वंश के विषय में जानकारी दी गई है।
(492) 1215
प्राचीन भारत में गणतंत्र कुछ कुलीन लोगों का समूह होता था।
(488) 1112
इस लेख में प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों के विषय में जानकारी दी गई है।
(487) 4485
भारत में ऋग्वैदिक काल में समाज के संचालन के लिए 'वर्ण व्यवस्था' शुरू की गई थी।
(484) 4709
ऋग्वैदिक काल के आर्य लोग धार्मिक प्रवृत्ति के थे।
(483) 1234
वेदों के समय में गाय को सबसे पवित्र पशु माना जाता था। यही सर्वोचित परम्परा वर्तमान में भी जारी है।
(482) 2941
सिन्धु घाटी सभ्यता और वैदिक सभ्यता दोनों ही प्राचीन भारत की महत्वपूर्ण सभ्यताएँ हैं।
(479) 6543
ऋग्वैदिक काल में समाज का प्रशासन कबीलाई संगठन पर आधारित था।
(477) 1399
ऋग्वैदिक समाज मूल रूप से पितृसत्तात्मक था। समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार थी।
(476) 1621
सरस्वती और दृशद्वती नदियों के मध्य का प्रदेश ब्रह्मवर्त कहलाता था।
(474) 1144
वेदों से हमें वैदिक सभ्यता के विषय में जानकारी प्राप्त होती है।
(471) 886
हड़प्पा सभ्यता (सिन्धु सभ्यता) अपने अन्तिम समय में पतन (विनाश) की ओर उन्मुख थी।
(470) 3577
हड़प्पा सभ्यता (सिन्धु सभ्यता) के लोगों के धार्मिक दृष्टिकोण का आधार इहलौकिक और व्यावहारिक था।
(468) 6274
सिन्धु सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) के काल में कृषि तथा व्यापार दोनों ही उन्नत थे।
(466) 2226
हड़प्पा सभ्यता की शासन व्यवस्था जनतंत्रात्मक थी। इसमें धर्म को विशेष महत्व दिया गया था।
(465) 2116
हड़प्पा सभ्यता के समाज की इकाई परम्परा के अनुसार परिवार थी।
(462) 1900
सिंधु सभ्यता के प्रमुख स्थलों जैसे– हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चन्हूदड़ो, कालीबंगा आदि से विभिन्न पुरावस्तुएँ प्राप्त हुई हैं।
(460) 1643
इस लेख में सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थलों में से राखीगढ़ी, कालीबंगा, बनावली और धौलावीरा का विवरण दिया गया है।
(459) 1577
इस लेख में सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थलों में से हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चन्हूदड़ो और लोथल का विवरण दिया गया है।
(456) 4970
सिन्धु सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी। यह अपनी समकालीन अन्य सभ्यताओं की तुलना में अधिक विकसित थी।
(454) 7825
सिंधु सभ्यता वर्षों पुरानी सभ्यता है। बीसवीं सदी के द्वितीय दशक तक इस सभ्यता के विषय में कोई जानकारी नहीं थी।
(452) 3639
भारत का प्राचीन इतिहास जानने के स्रोतों में चीनी यात्रियों के यात्रा-वृत्तान्तों का महत्वपूर्ण स्थान है।
(451) 1550
इस लेख में प्राचीन काल में यूनान और रोम से भारत आए विदेशी लेखकों के बारे में जानकारी दी गई है।
(449) 1016
इस लेख में प्राचीन भारत के राजाओं के जीवन पर लिखी गई पुस्तकों के बारे में जानकारी दी गई है।
(448) 5048
भारतीय इतिहास के साहित्यिक स्रोतों में बौद्ध साहित्य के ग्रंथों का महत्वपूर्ण स्थान है।
(446) 1312
वेदों को भली-भाँति समझने के लिए वेदांगों की रचना की गई थी।
(444) 1217
वेद भारत की प्राचीन संस्कृति के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। वेदों की कुल संख्या चार है।
(441) 5902
इस लेख प्राचीन भारत के अध्ययन के पुरातात्विक स्त्रोतों के बारे में जानकारी दी गई है।
(438) 4201
भारत के सन्दर्भ में सबसे प्राचीन अभिलेख सम्राट अशोक के हैं। ये अभिलेख लगभग 300 ईसा पूर्व के हैं।
(425) 2321
बिम्बिसार मगध का प्रथम शक्तिशाली शासक था।
(421) 1984
महत्वपूर्ण तथ्यों को चुनकर इतिहास का पुनर्निर्माण किया जाता है। History is reconstructed by selecting important facts.
(13) 1996
हर्ष का जन्म थानेश्वर (वर्तमान हरियाणा) में हुआ था। हर्षवर्धन के भाई राज्यवर्धन थे। उनके पिता का नाम प्रभाकरवर्धन थे।
(10) 19399
आर्य समाज की स्थापना सन् 1875 ईस्वी में स्वामी दयानंद सरस्वती ने तत्कालीन बम्बई (वर्तमान मुम्बई) में की थी।
(7) 3933
गुप्त काल को भारतीय इतिहास का 'स्वर्ण काल' माना जाता है। गुप्त काल में भारत की राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक, साहित्य, कला सहित सभी क्षेत्रों में असीमित उन्नति हुई थी।
(3) 3522
इस लेख में समुद्रगुप्त और नेपोलियन के गुणों की तुलना की तुलना की गई है।
(1) 2595
मध्य युग के प्रमुख शासकों में चक्रवर्ती सम्राट राजा भोज का महत्वपूर्ण स्थान है। राजा भोज कलम और तलवार बाजी के धनी शासक थे।
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