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प्राचीन भारत का इतिहास जानने के साहित्यिक स्त्रोत– बौद्ध साहित्य और जैन साहित्य

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बौद्ध साहित्य

भारतीय इतिहास के साहित्यिक स्रोतों में बौद्ध साहित्य के ग्रंथों का महत्वपूर्ण स्थान है। बौद्ध ग्रंथों की रचना पालि भाषा में की गई थी। बौद्ध ग्रंथों से सम्बन्धित जातकों में महात्मा बुद्ध के जीवन की घटनाओं का वर्णन है।

त्रिपिटक

बौद्ध साहित्य के ग्रंथों में 'त्रिपिटक' सबसे प्रसिद्ध है। इस ग्रंथ में महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं का संग्रह है। त्रिपिटक को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है–
1. विनयपिटक– त्रिपिटक के इस भाग में संघ से सम्बन्धित नियमों तथा आचार से सम्बन्धित शिक्षाओं का संकलन है।
2. सुत्तपिटक– इसमें धार्मिक सिद्धांतों और धर्म से सम्बन्धित उपदेशों का संकलन है।
3. अभिधम्मपिटक– इसमें दार्शनिक सिद्धांतों का संकलन है।

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दीपवंश और महावंश

दीपवंश और महावंश महत्वपूर्ण बौद्ध ग्रंथ है। इनकी रचना पालि भाषा में की गई थी। इनसे मौर्यकालीन इतिहास के विषय में जानकारी मिलती है।

मिलिंदपन्हो

मिलिंदपन्हो की रचना नागसेन ने की थी। यह पालि भाषा में रचित किया गया था। इस ग्रंथ से हिन्द-यवन शासक मिनाण्डर के विषय में जानकारी प्राप्त होती है।

कथावस्तु

यह बौद्ध धर्म के हीनयान संप्रदाय का महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इस ग्रंथ में महात्मा बुद्ध के जीवन चरित का अनेक कथानकों के साथ वर्णन किया गया है।

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ललितविस्तर

यह बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय का महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इस ग्रंथ में बुद्ध को देवता माना गया है। साथ ही उनके जीवन और कार्यों का चमत्कारिक वर्णन प्रस्तुत किया गया है।

दिव्यावदान

यह बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय का महत्वपूर्ण ग्रंथ है। दिव्यावदान में अशोक के उत्तराधिकारियों से लेकर पुष्यमित्र शुंग तक के शासकों के विषय में जानकारी दी गई है।

जैन साहित्य

जैन साहित्य को 'आगम' कहा जाता है। जैन धर्म का प्रारम्भिक इतिहास 'कल्पसूत्र' से ज्ञात होता है। इसकी रचना भद्रबाहु ने की थी। प्रमुख जैन ग्रंथ निम्नलिखित हैं–
1. परिशिष्टपर्वन
2. भद्रबाहुचरित
3. आचरांगसूत्र
4. भगवतीसूत्र
5. कालिका पुराण आदि।

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I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
rfcompetiton.com

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