कलात्मक पत्र एक साहित्यिक विधा है। इसके द्वारा लेखक की भिन्न-भिन्न साहित्यिक तथा सांसारिक भाव दशाओं का बोध होता है। साथ ही उसकी (लेखक की) रुचियों-अरुचियों, सामाजिक और वैयक्तिक सम्बन्धों आदि का आश्चर्यजनक परिज्ञान होता है। पत्र में संक्षिप्तता और एकतथ्यता होती है। इस कारण ये स्वयंपूर्ण होते हैं। साहित्य की इस विधा (पत्र) के माध्यम से कलाकार के निजी रहस्यों का उद्घाटन होता है।
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प्रभुरुख पाइ कै, बोलाइ बालक घरनिहि – गोस्वामी तुलसीदास
पत्र साहित्य को मुख्य रूप से तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है–
1. व्यक्तिगत पत्रों के स्वतंत्र संकलन,
2. विविध विषयक ग्रंथों में परिशिष्ट आदि के अन्तर्गत संकलित पत्र,
3. पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित पत्र।
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रावरे दोषु न पायन को – गोस्वामी तुलसीदास
हिन्दी साहित्य के प्रमुख पत्र एवं उनके लेखक निम्नलिखित हैं–
1. भिक्षु– भदंत आनन्द कौशल्पायन
2. यूरोप के पत्र– डॉ. धीरेन्द्र वर्मा
3. अनमोल पत्र– सत्यभक्त स्वामी
4. प्राचीन हिन्दी पत्र संग्रह– बनारसीदास चतुर्वेदी तथा हरिशंकर शर्मा
5. फाइल और प्रोफाइल– बेचन शर्मा
6. बच्चन पत्रों में– जीवन प्रकाश जोशी
7. दुर्लभ पत्रों का संग्रह– महावीर प्रसाद द्विवेदी।
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एहि घाटतें थोरिक दूरि अहै– गोस्वामी तुलसीदास
हिन्दी पत्र साहित्य के विकास में निम्नलिखित पत्रिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है–
1. नागरी प्रचारणी पत्रिका
2. सरस्वती
3. धर्मयुग
4. साप्ताहिक हिन्दुस्तान
5. ज्ञानोदय
6. चाँद तथा प्रभा।
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नाम अजामिल-से खल कोटि – गोस्वामी तुलसीदास
चाँद तथा प्रभा पत्रिका के अक्टूबर 1948 के अंक में प्रकाशचंद गुप्त ने प्रेमचंद जी के कुछ पत्र प्रकाशित किए थे। मुक्तिबोध स्मृति अंक में (1965) गजानन माधव मुक्तिबोध से सम्बन्धित पत्रों का सम्पादन किया गया था। इन पत्रों में मुक्तिबोध के काव्य की रचना प्रक्रिया, उनकी संघर्षशीलता और जटिल जीवन गाथा का वर्णन किया गया था। सम्मेलन पत्रिका (1982) के पत्र विशेषांक में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के एक सौ उनसठ, प्रेमचंद के सात, अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध के चौदह, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के पंद्रह, राहुल सांकृत्यायन के चालीस महत्वपूर्ण पत्र संकलित हैं।
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यह तन काँचा कुम्भ है – कबीर दास
डॉ. राम विलास शर्मा और केदारनाथ अग्रवाल की 'चिट्ठी-पत्री' ने हिन्दी जगत का ध्यान आकृष्ट किया है। इसी प्रकार हिन्दी साहित्य की लगभग सभी पत्रिकाओं में 'आपका पत्र मिला', 'चिट्ठी-पत्री', 'पत्र प्रसंग' आदि स्तंभों के अन्तर्गत पाठकों के पत्र प्रकाशित होते रहते हैं। इनमें विभिन्न समस्याओं के विषय में जनता की अभिव्यक्ति रहती है, पर इसमें से बहुत कम का साहित्यिक और सामाजिक मूल्य होते हैं।
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1. सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन 'अज्ञेय' का जीवन परिचय
2. उपन्यास क्या है? | उपन्यास का इतिहास एवं प्रमुख उपन्यासकार
3. कबीर दास का जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ
4. माटी कहै कुम्हार से – कबीर दास
5. यह संसार क्षणभंगुर है – जैनेन्द्र कुमार
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1. गोस्वामी तुलसीदास– जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ
2. नाटक क्या है? | नाटक का इतिहास एवं प्रमुख नाटककार
3. सूरदास का जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ
4. जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय एवं काव्यगत विशेषताएँ
5. एकांकी क्या है? | एकांकी का इतिहास एवं प्रमुख एकांकीकार
I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
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